हमारा किचन मिर्च के बिना अधूरा माना जाता है। या यूं कहें तो मिर्ची हमारे व्यंजनों के आधार की धड़कन है। कुछ लोग अधिक मिर्च खाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग कम मिर्ची से ही काम चला लेते हैं। कई लोग मिर्च का प्रयोग खाने में रंग लाने के लिए करते हैं तो कुछ लोगों को तीखेपन के बिना खाना बेस्वाद लगता है।
Read Moreधान उत्पादक देशों में भारत भले ही पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। लेकिन प्रति हेक्टेयर धान की फसल के औसत उत्पादन में बहुत पीछे है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि देश में परंपरागत तरीके से ही धान की खेती की जा रही है। और तो और धान की फसल में कीट लगने से फसल को भारी नुकसान हो
Read Moreधान उत्पादक देशों में भारत भले ही पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। लेकिन प्रति हेक्टेयर धान की फसल के औसत उत्पादन में बहुत पीछे है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि देश में परंपरागत तरीके से ही धान की खेती की जा रही है। और तो और धान की फसल में कीट लगने से फसल को भारी नुकसान हो
Read Moreधान उत्पादक देशों में भारत भले ही पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। लेकिन प्रति हेक्टेयर धान की फसल के औसत उत्पादन में बहुत पीछे है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि देश में परंपरागत तरीके से ही धान की खेती की जा रही है। और तो और धान की फसल में कीट लगने से फसल को भारी नुकसान हो
Read Moreदेश के अधिकांश ग्रामीण और आदिवासी पिछड़े इलाकों में मछली बीजोत्पादन की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण मछली पालकों को मछली पालन के लिए काफी दूर-दराज से मछली के बीजों को खरीद कर लाना पड़ता है, इसकी वजह से मछली बीज के खरीदारी में लागत ज्यादा आती है,
Read Moreमहोगनी के पेड़ व्यापारिक दृष्टिकोण से बेहतर होते हैं। इसके पत्ती, फूल, बीज, खाल और लकड़ी बाजार में अच्छी कीमतों पर बिकते हैं। इसकी लकड़ी काफी मजबूत और लंबे समय तक टिकने वाली होती है। इसका उपयोग जहाज़, फ़र्नीचर, प्लाईवुड और सज़ावट की चीजें बनाने में किया जाता है।
Read Moreकिसानों ने खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू कर दी है। इसी बीच सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों ने भी अपने खेतों की तैयारी करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है। कुछ सालों पहले तक सोयाबीन की फसल को काला सोना की संज्ञा दी जाती
Read Moreबुलंदशहर के ग्राम-नेकपुर, नार-मोहम्मदपुर, सिरियाल में मेरा गांव-मेरा गौरव कार्यक्रम के अंतर्गत 29 मई 2022 को एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली और जैव उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी नेकपुर के संयुक्त प्रयास से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
Read Moreदोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं कि पूरी दुनिया में शिक्षा का लक्ष्य यही है कि पूर्वजों द्वारा संचित ज्ञान राशि को नई पीढ़ी को सौंप दिया जाए। इसके लिए सबसे पहले ज्ञान के विविध रूपों की स्मृति तथा बोध और संभावनाओं को नई पीढ़ी के मन बुद्धि और चित्त पर अंकित कराना होता है और उसके लिए अभ्यास प्रशिक्षण और कल्पना से भरपूर सृजनशीलता को जागृत
Read Moreदेश में वायु प्रदूषण की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और इसका जिम्मेदार किसानों को भी माना जा रहा है। दरअसल किसानों के सिर पर फसल अवशेष यानि पराली जलाने की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ाने का दोष मढ़ा जाता है। हालांकि सच तो ये है कि किसान जानकारी के अभाव में ऐसा करते हैं।
Read Moreबदलते परिवेश में देश के किसानों का झुकाव खेती की तरफ ज्यादा हो रहा है। खेती में अधिक पैसे लागने के बावजूद कई किसानों को अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता है। इसलिए खेतीबाड़ी में उन्नत तकनीक अपनाना समय की मांग है। लिहाजा किसान अब गेहूं, मक्का की पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसलों की ओर
Read Moreकेंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन योजना का विकास पंचायतों के बीच जमीनी स्तर पर आपदा के वक्त स्थिति को संभालने के लिए विकसित किया है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन उपायों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए।
Read Moreफसलों पर कीट-पतंगों का लगना आम बात है और इन कीटों से छुटकारा पाने के लिए ज्यादातर किसान रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। लेकिन जिस तरह से पूरी दुनिया में रासायनिक उर्रवरकों और पेस्टीसाइड का अंधाधुध प्रयोग हो रहा है उससे न केवल हमारी सेहत बल्कि खेती दोनों बीमार हो रही हैं।
Read Moreआपने समुद्र और तालाबों में सीप की खेती के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन रेत के तपते धोंरो में सीप की खेती, भगवान को ढूढने से कम नही है। इन सभी कठिन परिस्थियों के बावजूद राजस्थान में सीकर जिले के एक किसान पिछले कुछ सालों से मोती की खेती कर रहे हैं और इससे अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
Read Moreगर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा असर फसलों पर पड़ता है। ज्यादातर फसलों में बढ़ती गर्मी के साथ ही सिंचाई भी बढ़ानी पड़ती है। जिससे किसानों को खेती में ज्यादा लागत आती है। अगर आप गर्मियों में अनार की खेती करेंगे तो इसका बहुत फायदा मिलता है। दरअसल, अनार की फसल को ज्यादा सिंचाई की
Read Moreदेश में सौर ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है दरअसल सौर ऊर्जा कभी न खत्म होने वाला संसाधन है और ये नवीकरणीय संसाधनों का सबसे बेहतर विकल्प है। सौर ऊर्जा पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। जब इसका इस्तेमाल किया जाता है, तो ये पर्यावरण में कार्बन-डाइऑक्साइड और कई हानिकारक गैसें नहीं छोड़ती।
Read Moreचोल साम्राज्य की स्थापना विजयालय ने की थी जो आरम्भ में पल्लवों का एक सामंती सरदार था। उसने 850 ई . में तंजौर को अपने अधिकार में कर लिया और पाण्ड्य राज्य पर चढ़ाई कर दी। चोल 897 ई . तक इतने शक्तिशाली हो गए थे कि उन्होंने पल्लव शासक को हराकर उसकी हत्या कर दी
Read Moreमानव विकास के इतिहास में नारी का भी उतना ही महत्व रहा है जितना कि पुरुष का। वास्तव में समाज में महिलाओं की स्थिति, रोजगार और कार्य किसी राष्ट्र की समग्र प्रगति का सूचक है। राष्ट्रीय गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी के बिना किसी देश की सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक प्रगति रुक जाएगी।
Read Moreदेश में टमाटर एक बेहद लोकप्रिय सब्जी है। खाद्य पदार्थ में टमाटर का एक अहम योगदान है। सब्जी हो या फिर कोई अन्य व्यंजन टमाटर का इस्तेमाल करना आम बात है। सब्जी के अलावा अगर सलाद में टमाटर का उपयोग न हो तो सलाद का टेस्ट फीका लगता है। चटनी से लेकर सॉस और जूस के रूप में लगभग हर
Read Moreउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस के अवसर पर उपकार की 33 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए सभी को बधाई दी।
Read Moreदेश में मौजूदा समय में जिस अनुपात में जनसंख्या दर में बढ़ोत्तरी हो रही है। उसी अनुपात में खाद्यान्न की पैदावार भी जरूरी है। इसलिए खेतीबाड़ी में रोजगार के साथ व्यापार की भरपूर संभावनाएं हैं। इसी के चलते ये क्षेत्र मौजूदा समय में इनोवेटिव आइडिया लेकर आगे बढ़ रहा है।
Read Moreदेश में कई ऐसे किसान हैं जिनके पास न तो खेती योग्य अधिक भूमि है और न ही उनके पास आय का कोई दूसरा स्रोत है। ऐसे सीमांत किसानों को कम लगत में अधिक मुनाफा देनी वाली दलहनी फसल अरहर की खेती आधुनिक तरीके से करके मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ ही साथ फसल की अधिक
Read Moreलोबिया एक ऐसा पौधा है जिसकी फलियां पतली और लंबी होती हैं। इसकी सब्ज़ी बनाई जाती है। इसे दलहनी सब्ज़ी कह सकते हैं। दरअसल लोबिया एक तरह का बोड़ा है। जिसे कई अलग-अलग जगहों पर फलियां, बोरो, चौला, चौरा या फिर बरबिट्टी आदि नामों से जाना जाता है।
Read Moreग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए देश में समावेशी विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था। इसी उद्देश्य़ को देखते हुए भारत ने पंचायती राज प्रणाली को अंगीकार किया और इसे संवैधानिक रूप दिया गया। भारत सरकार वित्तीय बाधाओं के बावजूद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को
Read Moreजो किसान पशुपालन करते हैं, वे अक्सर किसी न किसी पशु रोग से परेशान रहते हैं। गाय-भैंस हो या बकरियां इनमें होने वाले रोगों में एक रोग ऐसा है, जो सीधे दूध उत्पादन को प्रभावित करता है। यानि पशुओं से दूध मिलना मुश्किल हो जाता है। साथ ही दूध की क्वालिटी भी खराब हो जाती है।
Read Moreखेतीबाड़ी में व्यापार का एक बड़ा बाजार विदेशी सब्जियों का खड़ा हो चुका है। पूरी दुनिया के पर्यटन नक्शे पर देश की प्रमुखता इस व्यवसाय के विस्तार की एक खास वजह मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हो या पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार तक के किसान विदेशी प्रजातियों वाली सब्जियां
Read Moreकिसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार समय-समय पर कई तरह की योजनाएं लॉन्च करती रहती है। इसी कड़ी में सरकार द्वारा किसानों के बीच रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत नवाचार और कृषि उद्यमिता
Read Moreहमारे देश में पिछले कुछ सालों में फलों के बाग लगाने का चलन बढ़ा है। सरकार भी इसके लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि फलों के बाग लगाने से किसान बेहद कम समय में ज्यादा मुनाफा हासिल कर सकते हैं। कई दूसरी राज्य सरकारें भी फलों के बाग लगाने के लिए
Read Moreदेश में जय जवान, जय किसान का नारा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी ने इस नारे में ‘जय विज्ञान’ को जोड़ दिया। देश में खेतीबाड़ी भी अब साइंस बन गई है। समय और श्रम की बचत के साथ-साथ कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानों को नई तकनीक के उन्नत कृषि यंत्रों का
Read Moreदोस्तों, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव पिपल्स एसोसिएशन यानि कि AIPPA व्यक्तित्व विकास के साथ राष्ट्र के विकास की अवधारणा पर आगे बढ़ रहा है। हम सब जानते हैं कि बिना शिक्षा के व्यक्तित्व विकास नहीं हो सकता, लेकिन शिक्षा कैसी हो कि व्यक्तित्व के साथ-साथ राष्ट्र का भी विकास हो सके ?
देश-विदेश में मक्का को खाद्यान्न फसलों की रानी कहा जाता है। दरअसल इसकी उत्पादन क्षमता अन्य खाद्यान्न फसलों से ज्यादा है। पहले मक्के को गरीबों का मुख्य भोजन कहा जाता था। जबकि अब ऐसा नहीं है। इसका उपयोग अब मानव आहार में 25 फीसदी, कुक्कुट आहार में 49 फीसदी, पशु आहार में 12 फीसदी
Read Moreहमारे देश में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है। देश भर के कई किसान टमाटर की खेती से बड़ा मुनाफा कमाते हैं। अगर कोई किसान 1 हेक्टेयर में भी टमाटर की खेती करता है, तो वह 800 से 1200 क्विंटल टमाटर का उत्पादन कर सकता है।
देश के कई राज्यों में खरीफ फसलों की बुवाई शुरु हो गई है। जिससे किसानों के सामने कई तरह की समस्याएं आने लगी हैं। सिंचाई के अलावा फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए किसानों को काफी मशक्कत करनी होती है, इसके लिए अधिकतर किसान दिन-रात खेतों के आसपास ही रहते हैं।
Read Moreदेश में शक्ति के विकेंद्रीकरण और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से पंचायती राज व्यवस्था शुरू की गई थी। ताकि स्थानीय स्वशासन को मजबूत किया जा सके और लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति की जा सके, लेकिन पंचायती राज व्यवस्था के समानांतर देश में एक ऐसी व्यवस्था भी है
Read Moreदेश में फर्टिलाइजर की बढ़ती मांग को देखते हुए इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड यानि (IFFCO) ने किसानों की इस विकट समस्या का समाधान निकाला है। किसानों को अब यूरिया बोरी में नहीं, बल्कि बंद बोतल में मिलेगा। इफको ने दुनिया का पहला नैनो यूरिया विकसित किया है।
Read Moreधान यानी चावल खरीफ सीजन की एक प्रमुख फसल है। देश के अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं। धान की रोपाई करने में अधिक संख्या में मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में किसानों का समय और लागत दोनों अधिक लगता है। इसी को देखते हुए IARI पूसा नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को धान
Read Moreदेश में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने और विकास की अनोखी लकीर खीचने के उद्देश्य से पंचायती राज प्रणाली को अपनाया गया। हालांकि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कई परेशानियां भी सामनें आईं। इन सबके बावजूद तमिलनाडु के एक छोटे से गांव ओडनथुरई ने सही मायने में इस कार्यक्रम को सफल
Read Moreहमारी जिन्दगी में बहुत से ऐसे पड़ाव आते हैं जब कमाने के साधन खत्म या कम हो जाते हैं। इसलिए आपको अपने बुढ़ापे का सहारा ढूंढ़ना जरुरी है और उस समय आपके अपने पैसों से बेहतर सहारा और कोई नहीं हो सकता। जी हां तो आप अपने बुढ़ापे के लिए सतर्क हो जाएं
Read Moreपीएम किसान योजना के तहत किसानों को प्रत्येक साल छह हजार रुपये की राशि दी जाती है। प्रत्येक चार-चार महीने पर दो हजार रुपये किसानों के खाते में भेजे जाते हैं।
मात्र 20 हजार लगाकर कमाएं 4 लाख तक का मुनाफा
गेंदे के फूल को बारहमासी पौधा भी कहा जाता है। साल भर में इसकी तीन बार खेती की जा सकती है। लगभग हर त्योहारों में इसकी मांग बनी रहती है। जिससे किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।
Read Moreमसालों में जीरे का अपना एक अहम स्थान है। कोई भी सब्जी, दाल या कोई अन्य डिश बनानी हो सभी में जीरे का इस्तेमाल होता है। जीरे के बिना सभी मसालों का स्वाद फीका सा लगता है। जीरे को भूनकर छाछ, दही आदि में डालकर पिया जाता है। बता दें जीरा न केवल खाने के स्वाद को बढ़ता है
Read Moreपंचायती राज व्यवस्था और ग्राम स्वशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर, 2014 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) का शुभारंभ किया था। इस योजना का लक्ष्य मार्च 2019 तक
Read Moreखरीफ फसलों की बुवाई का समय नजदीक आ चुका है। कई राज्य इस वक्त गिरते भूजल स्तर के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में सिंचाई के लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को इससे बचाने के लिए अनेकों योजनाएं चला रही हैं।
Read MoreIARI पूसा, नई दिल्ली में तीसरे ग्लोबल ऑर्गेनिक एक्सपो 2022 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। जहां 26 से 28 मई, 2022 के बीच हजारों किसानों ने आर्गेनिक फॉर्मिंग और इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी ली, साथ ही कई सफल किसानों से मिलकर इस तरह की फॉर्मिंग करने के बारे में विचार-विमर्श
Read Moreआज कल किसान नई तकनीक से खेती करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी पारंपरिक फसलों से हटकर कोई अलग और अधिक मुनाफे वाली खेती करना चाहते हैं, तो हम आपको इंटर क्रॉपिंग पद्धति के बारे में बताएंगे, जो कम लागत में गजब का मुनाफा देगी
Read Moreजैसा कि आप जानते हैं कि ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव पिपल्स एसोसिएशन यानि कि AIPPA, व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की अवधारणा पर सतत अग्रसर है। हमारा मानना है कि व्यक्ति और राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा एक अहम कड़ी है। हम सभी जानते हैं कि सरकार ने सालों बाद एक नई शिक्षा नीति
Read Moreअप्रैल 1999 में 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारत में पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई । इस व्यवस्था के तहत स्थानीय लोगों को न केवल स्थानीय आवाज को मंच देने का मौका मिलता है बल्कि स्थानीय स्तर पर एक ऐसी सरकार स्थापित करने का अवसर भी मिलता है
Read Moreदेश में चावल हर घर का भोजन है। कहा जाता है कि चावल से शरीर का वजन भी बढ़ता है। जब भी खान-पान की बात होती है तो उसमें किसी भी तरह का कोई कम्प्रोमाइज करना नहीं चाहता है। हर कोई अपने आहार में बेस्ट चीजें शामिल करना चाहता है। भारत की आधी आबादी चावल खाना पसंद करती है।
Read Moreदेश की लगभग दो तिहाई आबादी की जीविका का मूल आधार कृषि है। लेकिन खेती योग्य जमीन का उपजाऊपन एवं गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। दरअसल देश में हरित क्रांति के बाद कृषि उपज में तो खूब बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन ज्यादा से ज्यादा उपज पाने के लिए जिस तरह रासायनिक उर्वरक
Read Moreआज के वक्त में हमारी खेती को रासायनिक उर्वरकों और हानिकारक पेस्टीसाइड ने पूरी तरह से जकड़ लिया है, जिसकी चपेट में अनाज और सब्जियां भी आ रही हैं, इन्हें खाने से लोगों में कई गंभीर प्रकार की बीमारियों का ख़तरा बढ़ता जा रहा है। रासायनों के बढ़ते खतरे को देखते हुए किसान अब जैविक खेती पर
Read Moreखाने में जब बात चावल की होती है तो सबसे पहले दिमाग में बासमती चावल का ही नाम आता है। ये चावल की सबसे अच्छी किस्म है, जिसकी खुशबू हमें दीवाना बना देती है। लजीज भारतीय बासमती चावल के कद्रदान पूरी दुनिया में हैं। पूरी दुनिया में करीब 90 फीसदी बासमती चावल का निर्यात अकेले भारत
Read Moreखेती-किसानी में बागवानी एक ऐसा एरिया है जिसमें किसान सीमित जमीन से भी अधिक लाभ कमा सकते हैं। बागवानी से ज्यादा मुनाफा मिले उसके लिए किसानों को सघन बागवानी यानि हाई डेंसिटी बागवानी को अपनाना चाहिए।
Read Moreजैसा की आप जानते हैं, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव पिपल एसोसिएशन यानि की AIPPA का मकसद है व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना। दोस्तों, महात्मा गांधी से लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय तक, जैसा की आप जानते हैं, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव पिपल एसोसिएशन यानि की AIPPA
Read Moreपूरे विश्व की लगभग 2.7 बिलियन से अधिक आबादी का मुख्य भोजन चावल ही है। विश्व में खद्यान्न सुरक्षा में चावल की अहम भूमिका है। धान ही एक मात्र ऐसी फसल है जिसकी खेती सभी परिस्थितियों यानी सिंचित, असिंचित, जल प्लावित, ऊसरीली और बाढ़ ग्रस्त भूमियों में सुगमता से की जा सकती है। इसकी खेती पूरे विश्व में तकरीबन 150 मिलियन हेक्टेयर
Read Moreअन्नदाता देश की जीवन रेखा है। किसी भी देश का विकास खेतीबाड़ी के विकास के बिना अधूरा है। देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने का पूरा श्रेय हमारे किसानों यानी अन्नदाता को ही जाता है। एक समय था, जब हम अनाज के लिए पश्चिमी देशों पर निर्भर थे। देश में हरित क्रांति के बाद हालात तेजी से बदले।
Read Moreअगर आपको प्रकृति से प्यार है और खेती-किसानी की चाह है तो आप भी सघन बागवानी में संभावनाएं तलाश सकते हैं। कुछ सालों में बागवानी फसलों के उत्पादन में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। जैसा कि हम जानते हैं कि फलों की मांग बाजार में सालभर रहती है। फूलों की बात करें तो इसके उत्पादन में भी लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज
Read Moreनमस्कार, गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर हम अपने ब्लॉग के जरिए लगातार आपको जानकारी दे रहे हैं, गंगा के उद्गम से लेकर गंगा की धारा में मिलने वाली अनेकों नदियों की धारा को गंगा अपने में समेटते हुए गंगा सागर तक ले जाती हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि लोग सबकुछ जानते हुए भी अनजान बनें बैठें हैं,
Read Moreग्रामीण योजनाओं की बात करें तो गांव से लेकर संसद तक सबसे अधिक चर्चा मनरेगा की होती है। कांग्रेस इसे अपनी सफल योजनाओं में से एक मानकर ग्रामीण बेरोजगारी के मामले में सरकार को घेरती रहती है। ये सच है कि लाख कमियों के बावजूद मनरेगा योजना लागू होने के बाद पंचायती राज व्यवस्था
Read MoreIntegrated farming यानी समेकित कृषि प्रणाली प्रबन्धन एक ऐसा विषय है जो किसानों की आर्थिक दशा सुधार सकता है लेकिन ये आसानी से किसानों की समझ में नहीं आता। जाने-अनजाने कृषि कार्य करते समय सदुपयोग करने योग्य अनेकों स्रोत्र व्यर्थ चले जाते हैं।
Read MoreIARI पूसा नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रामीणों की आमदनी का मुख्य स्रोत कृषि है। लेकिन महंगाई के इस दौर में कई बार केवल खेती करने से किसानों को अपेक्षित आमदनी नहीं हो पाती है। ऐसे में अधिक लाभ के लिए खेती के साथ पशु पालन एक बेहतर विकल्प है।
Read Moreआज किसान पारम्परिक खेती छोड़ ऐसी खेती की ओर देख रहा है जो कम लागत, कम श्रम के साथ समय की बर्बादी से भी उसे बचाये और मुनाफा भी अधिक कमाकर दे सके। इसी कड़ी में आज हम एलोवेरा की खेती की बात करेंगे जो कम लागत और कम मेहनत के बावजूद बम्पर मुनाफा देती है।
Read Moreआज किसान पारम्परिक खेती छोड़ ऐसी खेती की ओर देख रहा है जो कम लागत, कम श्रम के साथ समय की बर्बादी से भी उसे बचाये और मुनाफा भी अधिक कमाकर दे सके। इसी कड़ी में आज हम एलोवेरा की खेती की बात करेंगे जो कम लागत और कम मेहनत के बावजूद बम्पर मुनाफा देती है।
Read Moreआज किसान पारम्परिक खेती छोड़ ऐसी खेती की ओर देख रहा है जो कम लागत, कम श्रम के साथ समय की बर्बादी से भी उसे बचाये और मुनाफा भी अधिक कमाकर दे सके। इसी कड़ी में आज हम एलोवेरा की खेती की बात करेंगे जो कम लागत और कम मेहनत के बावजूद बम्पर मुनाफा देती है। एलोवेरा की खेती के लिए सबसे जरूरी है
Read Moreजल है तो कल है। जी हां, पानी हमारे जीवन की सबसे अहम कड़ी है, क्योंकि जल के बिना पृथ्वी पर सजीव जगत की कल्पना करना नामुमकिन है। जल के बिना न सिर्फ सजीव जगत की, बल्कि इस हरी-भरी धरती की भी कल्पना नहीं की जा सकती। तभी तो कहा जाता है कि जल ही जीवन है। जल के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है।
Read Moreसालों पहले भारत के ग्रामीण परिवेश पर अपनी राय व्यक्त करते हुए महात्मा गांधी ने कहा था “भारत की स्वतंत्रता का अर्थ पूरे भारत की स्वतंत्रता होना चाहिए, और इस स्वतंत्रता की शुरुआत नीचे से अर्थात गांव से होनी चाहिए तभी प्रत्येक गांव एक गणतंत्र बनेगा।” अगर हम महात्मा गांधी के इस विचार को समझने की कोशिश करें तो इसके अनुसार प्रत्येक गांव को
Read Moreगंगा एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही मन में पवित्रता की अनुभूति होती है, लेकिन क्या गंगा अब पवित्र रही ? हमारे लिए गंगा सिर्फ नदी ही नहीं बल्कि जीवन दायिनी है, सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ी एक आस्था है, जिसमें डूबकी लगाने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। लेकिन हमने अपने पाप धुलने के अलावा इसमें सब कुछ प्रवाहित करना शुरू कर दिया है
Read Moreभारत प्राचीन काल से लोकतंत्र जैसी पंरपरा को अपनाता रहा है। हमारे ग्रन्थ ऋग्वेद में भी ‘सभा’ और ‘समिति’ के रूप में लोकतांत्रिक संस्थाओं का जिक्र मिलता है। इतिहास के विभिन्न कालखंडों में राजनैतिक उथल-पुथल के बावजूद ग्रामीण स्तर पर यह प्रजातांत्रिक व्यवस्था निरन्तर किसी न किसी रूप में
Read Moreहमारे देश में कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें मिलने वाले रोजगारों के विकल्प अन्य सेक्टरों से कहीं अधिक हैं। मिट्टी का हमारे जीवन में बहुत ही अहम महत्व है। मिट्टी से ही खेतों में फसल की अच्छी पैदावार होती है और तो और जैसे इंसान जल के बिना नहीं रह सकता है ठीक वैसे ही मिट्टी हमारे जीवन में अनमोल है लेकिन
Read Moreभारतीय जन-मानस की आस्था का जीवंत प्रतीक है गंगा नदी । गंगा जिसे भारत में मां की उपाधि से नवाजा गया है। गंगा भारत की सबसे बड़ी नदी है जो धार्मिक महत्व के साथ देश के 11 राज्यों में भारत की आबादी के 40 प्रतिशत लोगों को पानी उपलब्ध कराती है। गंगा भारत की जीवनरेखा है जो गंगोत्री से अवतरित होती हैं लेकिन आज दिन-प्रतिदिन मैली होती जा रही है।
Read Moreकृषि देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला ही नही बल्कि देश की दो तिहाई आबादी की रोजी रोटी और आजीविका का साधन भी है। देश के विकास और प्रगति में कृषि और कृषि से जुड़े व्यवसायों का बड़ा योगदान है। देश का आर्थिक और समाजिक ढांचा कृषि पर ही टिका है।
Read Moreबिहार की धरती संसार में लोकतंत्र की जननी रही है, बिहार के वैशाली स्थित लिच्छवी और मिथिला के विदेह को इसी रूप में जाना जाता है, जहां सभी प्रकार के सामाजिक फैसले कोई एक व्यक्ति नहीं वरन समाज के सभी लोग आम सहमति बनाकर लेते थे। बिहार ने न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप को बल्कि दुनिया को
Read Moreदेवभूमि या कहें तो उत्तराखंड में घूमने के लिए कई जगह हैं.यहां पर ऋषिकेश, नैनीताल, हरिद्वार, रानीखेत और मसूरी जैसे जगह बेहद खूबसूरत और रमणीय स्थल हैं, जिसे देवभूमि भी कहा जाता हैं.दरअसल, मान्यता है कि इसके कण-कण में देवों का वास है.यहां की नदियों और झरनों से लेकर धार्मिक स्थलों तक
Read Moreग्राम पंचायत स्थानीय स्वशासन की एक संवैधानिक इकाई है। ग्राम पंचायत हेतु ग्राम सभा में से लोग उम्मीदवार होते हैं। और इन उम्मीदवारों को ग्राम सभा के लोग अपने मत के द्वारा चुनने का काम करते हैं। ग्राम पंचायत का एक निश्चित कार्यकाल होता है।
Read Moreवैदिक काल से ही देश में ग्राम को क्षेत्रीय स्वशासन की आधारभूत इकाई माना जाता है। रामायण के अध्ययन से संकेत मिलता है कि प्रशासन दो भागों-पुर और जनपद अर्थात् नगर और गांव में विभाजि महाभारत पुराण के अनुसार,
Read Moreगोरखपुर अपने बेहतरीन आम गवरजीत और काला नमक चावल के लिए ही नहीं,बल्कि यहां का मशहूर फल पनियाला के लिए भी जाना जाता है, इसका स्वाद इतना अच्छा होता है कि इसे देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। इसका खट्टा मीठा स्वाद और सुंदर चटखदार जामुनी रंग लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने
Read Moreप्रतिस्पर्धा की इस दौड़ में खेती में उपलब्ध सीमित संसाधनों से अधिक से अधिक उत्पादन लेने की होड़ मची हुई है। इसके लिए किसान खेतीबाड़ी में खरपतवारों, कीड़ों और बीमारियों की रोकथाम के लिए रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे न केवल हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान..
Read Moreजल है तो जीवन है। कहा जाता है कि दुनिया के तीन भाग में सिर्फ पानी ही पानी है, मात्र एक भाग है जिसपर जीवन बसा है प्रकृति ने जीवन की संरचना पंचतत्व से की है लेकिन यही वो पंचतत्व है जिसके ईर्द-गिर्द पूरा ब्राह्मांड है। पृथ्वी, जल, अग्नि वायु और आकाश जीवन के लिए हर एक तत्व बहुत ही अनिवार्य है लेकिन जल जो जीवन का एक ऐसा हिस्सा है
Read Moreअलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर बसा है कर्णप्रयाग, पिंडर नदी जिसे कर्ण गंगा के नाम से भी जाना जाता है. कुमाऊं के बागेश्वर स्थित पिंडारी ग्लेशियर से निकलती है जो 3820 मीटर और 12,530 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. महाभारत के महान योद्धा और...
Read Moreनमस्कार दोस्तों गंगा के पिछले ब्लॉग में हमने आपको बताया कि कैसे गंगा पहाड़ी सफर को तय करने के बाद हरिद्वार में पहली बार गंगा ज़मीन को स्पर्श करती हैं। हरिद्वार जहां रोज़ाना हज़ारों लोग हर की पैड़ी पर आस्था की डूबकी लगाते हैं, जिसे चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार कहा जाता है,
Read Moreहमारे देश में आम की कई वैरायटी देखने को मिलती हैं। लखनऊ का दशहरी आम हो या नासिक का मुंबइया, चौंसा, तोतापरी बाजार में खूब बिकते हैं, लेकिन इन सबके बीच गोरखपुर के गवरजीत आम ने शहर का गौरव बढ़ाया है। स्वाद,खुशबू और मिठास की बदौलत इसकी अलग पहचान है।
Read Moreमौजूदा समय में पूरी दुनिया जैविक खेती पर जोर दे रही है। सामान्यतौर पर 'काला नमक' चावल जैविक खेती के जरिए ही उगाया जाता है। काला नमक चावल देश के सबसे खुशबूदार चावलों में से एक है। इसके धान की विशेषता ये है कि बिना किसी उर्वरकों और कीटनाशकों की मदद से इसे उगाया जाता है।
Read Moreभारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है। देश में जल की कमी के चलते फसल की सिंचाई करना गंभीर समस्या है। मौजूदा समय में कई राज्यों में जल की कमी के चलते, फसल को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ये बात हम यूं ही नहीं कह रहे हैं। दरअसल पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जहां...
Read Moreराष्ट्रीय फल आम का भारतीय संस्कृति से गहरा संबंध है। आम का नाम सुनते ही मुंह में अनोखा रस घुल जाता है। इसीलिए आम को फलों का राजा कहा जाता है। आम की 1 हजार 500 से अधिक प्रजातियां पूरे विश्व में पाई जाती हैं। जिनमें से 1 हजार प्रजातियां भारत में ही पाई जाती हैं।
Read Moreसंडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे…आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी…हमारे देश में अंडे और मांस की बहुत अधिक मात्रा में मांग है. आज के दौर में अंडे की मांग की पूर्ती कर पाना भी मुश्किल हो गया है. अंडा हमारी सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है.
Read Moreखेतीबाड़ी में मिट्टी की बहुत अहमियत होती है। इस समय गर्मी का मौसम चल रहा है, सूरज की रोशनी सीधे धरती पर पड़ती है, जिससे भूमि का ताप कई गुना बढ़ जाता है, खेती में इस मौसम का भी बड़ा महत्व है। वर्तमान में आधुनिक तरीके से खेती की जा रही है, इससे किसानों को काफी फायदा मिला है,
Read Moreवर्तमान में देश में लगभग 12.5 करोड़ टन सब्जियों का उत्पादन हो रहा है, जबकि प्रति व्यक्ति प्रति दिन 300 ग्राम की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आज 13.5 करोड़ टन सब्जी की जरूरत है। देश में कम फसल उत्पादन की मुख्य वजह साल भर...
Read Moreधरती स्पष्ट रूप से कार्रवाई का आह्वान कर रही है। प्रकृति पीड़ित है। महासागर प्लास्टिक से भर रहे हैं और अधिक अम्लीय हो रहे हैं। अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग और बाढ़, साथ ही रिकॉर्ड तोड़ने वाले अटलांटिक तूफान के मौसम ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। इन दिनों भी हम कोविड-19 का सामना कर रहे हैं,
Read Moreगन्ने की फसल के लिहाज से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक गन्ना उपजाने वाला राज्य है। जहां देश के कुल रकबे का 46 फीसदी और कुल उत्पादन का 45 फीसदी गन्ना उपजाया जाता है। लेकिन यह राज्य गन्ने के प्रति एकड़ उत्पादन के मामले में
Read Moreखेती से प्रति हेक्टेयर ज़्यादा पैदावार लेने के लिए किसान तरह-तरह की तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं जिससे खेती से अधिक से अधिक मुनाफा लिया जा सके। लेकिन कभी पानी की कमी तो कभी मौसम की मार, किसानों को लाखों का नुकसान पहुंचा जाती है। इन सबके बावजूद भी कुछ ऐसे किसान हैं जो
Read Moreहमारे देश में हरित क्रांति के बाद फसल उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी हुई। जहां हम पहले अनाज का आयात करते थे, वहीं आज हम दुनिया के 10 बड़े निर्यातक देशों में शामिल हो गये हैं। इस सफलता को पाने में हमने बहुत कुछ खोया है।
Read Moreभागदौड़ भरी इस जिंदगी में शुद्ध फल और सब्जियां शहरवासियों के लिए तो दुर्लभ हैं ही आने वाले समय में ग्रामीण लोगों के लिए भी ये मुश्किल हो जाएंगी। आबादी का दबाव खेती लायक ज़मीन पर लगातार बढ़ता जा रहा है।
Read Moreदेश में कृषि क्षेत्र को एक प्रमुख स्थान दिया गया है और कई राज्यों के लाखों किसानों की जीविका खेताबाड़ी पर निर्भर है। किसानों की खेतीबाड़ी से ही आम जनता का पेट भरता है। वहीं कृषि क्षेत्र में बढ़ती समस्याओं और...अनिश्चितताओं के बीच डिजिटल खेती को एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
Read Moreकृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि 21वीं सदी के अंत तक देश को अपनी बढ़ती आबादी के लिए पर्याप्त भोजन मुहैया करवाना है। तो हमें ऐसी फसलों का उत्तम उत्पादन करना होगा।
Read Moreदूध पीना सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है, ये तो सभी जानते हैं। लेकिन किसी को पता नहीं होता कि कब ये दूध अमृत के बजाय जहर बनकर आपके सामने आ जाए। कई मिलावटखोर अधिक मुनाफा कमाने के लिए दूध में ठोस पदार्थ यानि फैट..
Read Moreपशुपालन पहले से ही किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत रहा है। लेकिन किसानों के बीच जागरूकता की कमी के कारण वे अब तक इसे मुख्य व्यवसाय के रूप में नहीं अपना पा रहे हैं। इसी वजह से वे अब तक इस व्यवसाय से बढ़िया मुनाफा..
Read Moreफसल में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से न केवल हमारी सेहत खराब हो रही हैबल्कि इसके चलते मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी दिन पर दिन घट रही है। किसानों के फसलों के आय का ज्यादा हिस्सा पैसा रासायानिक उर्रवकों पर खर्च हो रहा है.इसलिए अब जरूरी हो गया है
Read Moreहाल के दिनों में देखा गया है कि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहे हैं। वे अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा खान-पान और बेहतर दिनचर्या पर ध्यान दे रहे हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए आहार का सर्वोत्तम साधन दूध होता है, जो हर जगह और बहुत आसानी से उपलब्ध है।
Read Moreआपने अपने शहर में पौधों की कई नर्सरी देखी होंगी और वहां से फूल के पौधे भी खरीदे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधों की तरह किसानों के लिए भी ऐसी ही नर्सरी सब्जी की बनाई जा सकती है। जो खास तकनीक से तैयार होती है और इसे प्रो ट्रे नर्सरी कहा जाता है।
Read Moreइस तकनीक का नाम है- RAS तकनीक यानी RECIRCULATORY AQUACULTURE SYSTEM । इस तकनीक में पारंपरिक विधि के बजाय नियंत्रित वातावरण में पानी का सीमित उपयोग कर इंडोर टैंकों में मछली पालन किया जाता है। इसका उपयोग करके बहुत कम जगह में मछली पालन करके
Read Moreभारत में मवेशी आवारा कब और कैसे होता है ?
समुद्रमंथन में गाय की पांच नस्लें कौन-कौन सी थीं ?
विदेशी गायों को BOS TAURUS क्यों कहा जाता है ?
जर्सी गाय से भारतीय गाय क्यों हैं बेहतर ?
भारत में किसान अन्दोलन का इतिहास 200 साल पुराना बंगाल और बिहार में भूमि कर वसूलने की जमींदारी संथाल विद्रोह कैसे समाप्त कर दिया गया था ?
हमारे संविधान में प्राथमिक शिक्षा के लिए हैं स्पष्ट निर्देश भारत में 10 +2 +3 की शिक्षा पद्धति कब हुईं थी लागू ब्रिटिश काल में शिक्षा व्यवस्था को नहीं किया था विकसित स्त्रियों और शूद्रों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाना था उद्देश्य
उच्च शिक्षा में लड़कियों के लिए क्यों हो रही है मुश्किल ?
अपनों ने ही महिलाओं को बनाया क्रूरता का शिकार महिलाओं को 2021 में 127 करोड़ रोजगार मिलने की संभावना राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी कम क्यों ?
राजनीति में कैसे बढ़े महिलाओं की भागीदारी ?