किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार समय-समय पर कई तरह की योजनाएं लॉन्च करती रहती है। इसी कड़ी में सरकार द्वारा किसानों के बीच रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्रों में नई तकनीकों और रोजगार को बढ़ावा देना है। ये स्टार्टअप विभिन्न श्रेणियों जैसे कृषि प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल कृषि, कृषि यंत्रीकरण, वेस्ट टू वेल्थ, डेयरी, मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में स्थापित किए जा सकते हैं।
किसानों के बीच स्टार्टअप को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एग्रीप्रेन्योरशिप ओरिएंटेशन के तहत 2 माह की अवधि के लिए 10,000 रुपये प्रति माह वजीफा दिया जाता है। वित्तीय, तकनीकी, आईपी आदि मुद्दों पर मेंटरशिप प्रदान की जाती है। वहीं आर-एबीआई इनक्यूबेट्स की सीड स्टेज की फंडिग पर 25 लाख रुपये दिए जाते हैं। (85% अनुदान और 15% अंशदान इंक्यूबेट से) एग्रीप्रेन्योर्स की आइडिया और प्री-सीड स्टेज फंडिंग के लिए 5 लाख रुपए दिए जाते हैं (90% अनुदार और 10% योगदान इन्क्यूबेट से)
संस्थान द्वारा अपने कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने और विभिन्न चरणों के माध्यम से चयन की कठोर प्रक्रिया अपनाकर और दो महीने के प्रशिक्षण के आधार पर, अनुदान-सहायता के माध्यम से वित्तपोषित किए जाने वाले स्टार्ट-अप्स की अंतिम सूचि को अंतिम रूप प्रदान किया जाता है। तकनीकी, वित्त, बौद्धिक संपदा, सांविधिक अनुपालन मुद्दों आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। माइलस्टोन और समयसीमा की निगरानी के माध्यम से स्टार्टअप को मेंटरशिप प्रदान करना कार्यक्रम का हिस्सा है।
आंवटित राशि किस्तों में लाभार्थियों को जारी की जाएगी। इन स्टार्टअप को भारत भर में फैले 29 कृषि व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्रों (केपीएस और आरएबीआइ) में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इन स्टार्टअप के द्वारा युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के लिए अवसर प्रदान करके आय बढ़ाने में योगदान देंगे।