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पंचायती व्यवस्था के तहत आपदा प्रबंधन योजना

केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन योजना का विकास पंचायतों के बीच जमीनी स्तर पर आपदा के वक्त स्थिति को संभालने के लिए विकसित किया है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन उपायों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए। उन्होंने यह भी कहा कि समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन योजनाओं की कल्पना, योजना और कार्यान्वयन के लिए अभिसरण और सामूहिक कार्रवाई, हमारे देश के लिए व्यापक रूप से आपदाओं के प्रबंधन में एक गेम चेंजर साबित होगी। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और बेगूसराय से सांसद श्री गिरिराज सिंह ने 17 मार्च 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पंचायती राज मंत्रालय की आपदा प्रबंधन योजना का विमोचन किया। कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार, पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य श्री कृष्ण एस वत्स और श्री राजेंद्र सिंह और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आपदा प्रबंधन योजना का विमोचन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में राज्यों के पंचायती राज विभागों, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों और राज्य राहत आयुक्तों के वरिष्ठ अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

पृष्ठ भूमि :

हिंदुस्तान अपनी अनूठी भू-जलवायु और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों की वजह से कई प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के लिए अलग-अलग स्थिति में संवेदनशील रहा है। हमारे देश के अलग-अलग हिस्से चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूकंप, भूस्खलन आदि के लिए अत्यधिक संवेदनशील हैं विशेषकर देश के तटीय क्षेत्र। इसी को ध्यान रखते हुए पंचायती राज मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन योजना (डीएमपी) को तैयार किया है, ताकि समुदायों सहित सभी पंचायती राज संस्थाओं को किसी भी आपदा के लिए तैयार किया जा सके। और प्रभावित क्षेत्रों को कम-से-कम नुकसान उठाना पड़े।

योजना की मुख्य बातें:

- "पंचायती राज मंत्रालय की आपदा प्रबंधन योजना" (डीएमपी-एमओपीआर) को गांव से लेकर जिला पंचायत स्तर तक समुदाय आधारित योजना के व्यापक परिप्रेक्ष्य के साथ तैयार किया गया है।

- योजना के अंतर्गत, प्रत्येक भारतीय गांव में "ग्राम आपदा प्रबंधन योजना" होगी और प्रत्येक पंचायत की अपनी आपदा प्रबंधन योजना होगी।

-योजना के सफलतापूर्वक संपादन के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायतों के पदाधिकारियों आदि सहित सभी जिम्मेदार लोग योजना के नियोजन, कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन में भाग लेंगे।

-इस योजना के अनुसार गांवों और पंचायतों द्वारा तैयार किया गया आपदा प्रबंधन कार्यक्रम (डीएमपी) व्यापक तरीके से आपदाओं से निपटने के लिए उपयोगी होगा। यह माना जाता है कि यह योजना डीएमपी के लिए एक भागीदारी योजना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत उपयोगी होगी जो देश भर में आपदाओं का समाधान करने के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना(जीपीडीपी) के साथ एकीकृत है।