आज किसान पारम्परिक खेती छोड़ ऐसी खेती की ओर देख रहा है जो कम लागत, कम श्रम के साथ समय की बर्बादी से भी उसे बचाये और मुनाफा भी अधिक कमाकर दे सके। इसी कड़ी में आज हम एलोवेरा की खेती की बात करेंगे जो कम लागत और कम मेहनत के बावजूद बम्पर मुनाफा देती है।
एलोवेरा की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि खेत में ज्यादा नमी और पानी का ठहराव न हो। एलोवेरा के लिए रेतीली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी गई है। हालांकि इसकी खेती दोमट मिट्टी में भी होती है, लेकिन रेतीली मिट्टी में एलोवेरा के बेबी प्लांट आसानी से और ज्यादा संख्या में निकलते हैं।
फरवरी से अक्टूबर-नवंबर तक एलोवेरा की बुवाई कर सकते हैं। सर्दिंयों में इसकी बुवाई नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इस मौसम में एलोवेरा के पौधों को पनपने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पौधे लगाते समय हम इस बात का ध्यान रखें कि दो पौधों के बीच की दूरी दो फुट से कम न हो । एलोवेरा की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि खेत में ज्यादा नमी और पानी का ठहराव न हो। समय-समय पर खेत की सफाई भी जरूरी है। आमतौर पर एलोवेरा की कई प्रजातियां होती हैं जिसमें इंडिगो सबसे आम है। अधिकांश घरों में इंडिगो एलोवेरा ही पाया जाता है लेकिन बार्बाडेंसीस प्रजाति का एलोवेरा उपज के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता है । इस प्रजाति का एलोवेरा खेती में सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जा रहा है । चाहे जूस बनाने का काम हो या कोई कॉस्मेटिक आइटम सबसे ज्यादा इसी प्रजाति के एलोवेरा का प्रयोग किया जाता है । किसान भी इसे लगाना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि यह उनके लिए मुनाफे का सौदा दिखाई दे रहा है।
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट हो या आयुर्वेदिक दवा सभी जगह एलोवेरा की मांग बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि इसकी डिमांड भी बाजार में काफी ज्यादा होती है। एलोवेरा की खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए सिर्फ एक बार आपको इंवेस्ट करना होता है। यानि एक बार पैसा लगाओ और पांच साल तक उस पौधे से लाभ कमाओ। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एलोवेरा के पौधों से निकलने वाले बेबी प्लांट को आसानी से दूसरी जगह लगा सकते हैं। और इस तरह आपके पौधों की संख्या बढ़ती चली जाती है। एक एलोवेरा का पौधा तीन से चार महीने में बेबी प्लांट दे देता है।
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो एक बीघा जमीन पर किसान एलोवेरा के 12 हजार पौधे लगा सकते हैं। एक पौधे की कीमत तीन से चार रुपये तक होती है। यानि एक बीघे के खेत में एलोवेरा की खेती के लिए आपको लगभग 40 हजार रुपये खर्च करने होंगे। एलोवेरा के एक पौधे से 3.5 किलो तक पत्ते निकलते हैं और एक पत्ते की कीमत पांच से छह रुपये तक होती है। वैसे औसतन एक पत्ता 15 से 18 रुपये तक में बिक जाता है। ऐसे में किसान मात्र 40 हजार रुपये खर्च करके दो लाख रुपये से अधिक की कमाई कर सकते हैं।
किसान चाहें तो एलोवेरा के पौधे बेच सकते हैं, पत्तियां बेच सकते हैं और बेबी प्लांट बेचकर भी लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा आप इसका जेल निकाल कर डायरेक्ट किसी भी सम्बंधित कंपनी को बेचकर पैसा कमा सकते हैं। एलोवेरा की खेती में किसी प्रकार के कीटनाशकों, यूरिया या डीएवी खादों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पौधों के आसपास की सफाई और नियमित समय पर तय मात्रा में पानी देने भर से ही किसान बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।
जैसा कि आजकल देखा जा रहा है कि आवारा पशु खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे किसानों को भारी हानि हो रही है।लिहाजा एलोवेरा की खेती करने से एक फायदा यह भी होता है कि इसको जानवरों से कोई नुकसान नहीं होता। क्योंकि एलोवेरा के नुकीले पत्तों को जानवर नहीं खाते और आपकी फसल सेफ रहती है ।