आपने अपने शहर में पौधों की कई नर्सरी देखी होंगी और वहां से फूल के पौधे भी खरीदे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधों की तरह किसानों के लिए भी ऐसी ही नर्सरी सब्जी की बनाई जा सकती है। जो खास तकनीक से तैयार होती है और इसे प्रो ट्रे नर्सरी कहा जाता है। इस तकनीक से जहां एक ओर पौधों की किस्मों की गुणवत्ता में सुधार आएगा, वहीं दूसरी ओर बेहतर उत्पादन भी मिलेगा जिससे किसान पारंपरिक विधि के मुकाबले ज्यादा लाभ कमा सकेंगे।
अच्छी क्वालिटी की बंपर उपज पाने के लिए स्वस्थ और उन्नत किस्म के पौधे की ज़रूरत होती है। हमारे देश में किसान परंपरागत विधि से अपने खेतों में ही पौधे तैयार करते हैं, जिससे ज़रूरत के मुताबिक़ सही समय पर सही और स्वस्थ पौधे नहीं मिल पाते। इसमें एक कारण जलवायु तो दूसरा कारण खुले में पौधशाला तैयार करना है, जिससे वो कीट रोगों से ग्रसित हो जाते हैं...
सब्जियों की खेती के लिए किसान बेहतर मौसम का इंतज़ार करते हैं। कई बार तो इसमें ज्यादा देरी हो जाती है। उपज आते-आते बारिश शुरू हो जाती है और फसल की अच्छी उपज नहीं मिल पाती, जिससे किसानों को मन माफिक लाभ नहीं मिल पाता। जबकि इन स्थितियों से बचने का एक आसान तरीक़ा है- सब्जियों की नर्सरी तैयार करना और तैयार पौध की रोपाई करना। इससे कई फायदे होते हैं- एक तो समय की बचत होती है और सीजन से पहले ही सब्जियों की उपज मिल जाती है, जिसे आप बेमौसमी सब्जी भी कह सकते हैं। बाज़ार में इसकी क़ीमत नई सब्जी के नाम पर बहुत ज्यादा मिलती है।
प्रो ट्रे को प्रोपेगेशन ट्रे या सीडलिंग ट्रे भी कहा जाता है। इस ट्रे का उपयोग टमाटर, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, फूलगोभी, मिर्च और करेला जैसे पौधे तैयार करने के लिए किया जाता है। बाजार में ऐसे ट्रे अनेक आकार में आसानी से उपलब्ध हैं। साथ ही नर्सरी तैयार करने में दूसरी आधुनिक विधियों का भी इस्तेमाल किया जाए तो ज्यादा फायदा हो सकता है। जैसे नर्सरी प्रो ट्रे में तैयार करना और संकर बीजों का चुनाव करना। अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग खाचों के प्लास्टिक ट्रे आते हैं, जिनमें परलाइट, वर्मी कुलाइट और कोकोपिट मिलाकर भरा जाता है, जिससे उनमें बीजों का बेहतर जमाव होता है। इसके अलावा पॉलीटनल का प्रयोग कर इसे ठंड में भी तैयार किया जा सकता है। विषय विशेषज्ञ के बताए तरीक़ों से किसान प्रो ट्रे विधि से नर्सरी तैयार कर सकते हैं। जिससे वे बीज का बेहतर और पूर्ण अंकुरण कर सकते हैं और उन तैयार पौधों को खेतों में रोप कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
इस तरह से नर्सरी तैयार करने में बहुत ज्यादा परेशानी या खर्च नहीं है। ऐसी एक प्रो ट्रे बाज़ार में 35 से 40 रुपए में आसानी से उपलब्ध हैं और लो टनल बनाने के लिए बांस की खपच्चियों पर रखी जाने वाली प्लास्टिक 150 रुपए तक में मिल जाती है। वैसे आप ऐसे लो टनल में, खेत में भी नर्सरी तैयार कर सकते हैं जिसके लिए आपको 1 मीटर चौड़ाई और आवश्यकता के अनुसार लंबाई का बेड बनाने की आवश्यकता होती है।
दरअसल पॉली टनल में इस तरह नर्सरी तैयार कर सकते हैं, जो आपके लिए लाभदायक होगी। लेकिन प्रो ट्रे तकनीक इससे कहीं ज्यादा फायदेमंद है। जैसे प्रो ट्रे विधि में बैक्टीरिया या वायरस का ज्यादा आक्रमण नहीं होता है, उपज भी ज्यादा मिलती है। इसके अलावा प्रो ट्रे में खरपतवार नहीं जमते, तैयार पौधे निकालने में नुकसान कम होता है, ये खेतों में जल्द और अच्छी तरह लग जाती हैं। इनका ट्रांसपोर्टेशन भी आसान है, और बाढ़ या ओले जैसी आपदा में इनकी रक्षा करना ज्यादा आसान होता है।
इस तरह आप प्रो ट्रे तकनीक अपना कर स्वस्थ नर्सरी में पौधे तैयार कर सकते हैं। जिससे अगेती सब्जियों की खेती में आपको मदद मिलेगी, साथ ही स्वस्थ नर्सरी की बुनियाद पर आप स्वस्थ और क्वालिटी वाली बंपर उपज पाएंगे। जो समय से पहले मिलने के कारण किसानों के लिए अच्छी कमाई का स्रोत बनेगी।