खेती से प्रति हेक्टेयर ज़्यादा पैदावार लेने के लिए किसान तरह-तरह की तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं जिससे खेती से अधिक से अधिक मुनाफा लिया जा सके। लेकिन कभी पानी की कमी तो कभी मौसम की मार, किसानों को लाखों का नुकसान पहुंचा जाती है। इन सबके बावजूद भी कुछ ऐसे किसान हैं जो हार न मानकर खेती में कुछ नया करके या फिर फ़सलों और खेती की तकनीकों में बदलाव करके बेहतर कमाई कर रहे हैं। क्योंकि किसान को परंपरागत खेती में मुश्किल से एक एकड़ में दो फसल उगाने के बाद साल भर में पचास हजार से लेकर लाख रुपए तक ही कमाई हो पाती है।
वहीं किसान अगर पुरानी खेती को छोड़कर नई तकनीक से नई फसलों की खेती करें तो ज्यादा फायदे में रहेंगे। मौजूदा समय में नई-नई फसलें औऱ विदेशी फलों की खेती से लाभ कमाने का एक बेहतर मौका है। अगर विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की बात करें तो अपने देश में जिस तरह इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसान इसकी खेती से सालाना एक एकड़ में 4 से 5 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं। देश के कई राज्यों के किसान इसकी खेती कर सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं।
अपने अजीब नाम लेकिन लजीज स्वाद के लिए पहचाना जाने वाला ड्रैगन फ्रूट अब उत्तर प्रदेश के किसानों के खेतों में दिख रहा है। ड्रैगन फ्रूट में जो ऑक्सीडेंट पाया जाता है, वह कैंसर से लड़ने में सहायक है। ड्रैगन फल में विटामिन सी होता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता होती है। यह शुगर और अस्थमा जैसी बीमारियों में भी लाभप्रद होता है। एक ड्रैगन फ्रूट में 60 कैलोरी ऊर्जा होती है। ड्रैगन फल की बागवानी कम वर्षा वाली जगहों में भी आसानी से की जा सकती है। इसके पौधों में मौसम के उतार-चढ़ाव को सहने की क्षमता अधिक होती है इसलिए इसकी बागवानी सभी प्रकार की जमीन पर करके अच्छी पैदावार ली जा सकती है। ज्यादातर पश्चिमी देशों में पैदा होने वाले ड्रैगन फ्रूट की खेती अब उत्तर प्रदेश के ज़िला बाराबंकी में भी की जा रही है। औषधीय गुणों से भरपूर ड्रैगन फल की खेती कर रहे प्रगतिशील किसान इसे मुनाफे की उपज बता रहे हैं।
ड्रैगन फ्रूट की खेती खास तौर पर वियतनाम में होती थी। दरअसल इस फ्रूट को दुनियाभर में चीन ने फैलाया इसीलिए इसे ड्रैगन फ्रूट कहा जाता है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे को लगाने के लिए खेत में 10 गुणा 10 और 10 गुणा 8 की दूरी पर सीमेंट के खंभों को बनाया जाता है और एक खंभे के पास 4 पौधे रोपे जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने के लगभग 6 महीने बाद इनमें फल आने शुरू हो जाते हैं। लगभग 1 वर्ष बाद ड्रैगन फ्रूट के सभी पौधों में शत-प्रतिशत फल आने लगते हैं। ये फल बाजार में 200 से 250 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। एक पौधे से लगभग 4 से 5 फल मिल जाते हैं।
इसकी खेती में केवल एक बार लागत आती है और उसके बाद कई सालों तक उत्पादन मिलता रहता है। ड्रैगन फ़्रूट के पौधों के बीच में जो भी खाली स्थान होता है उसका भी वे भरपूर उपयोग करते हैं। इन खाली स्थानों में सब्जियों की खेती करते हैं। इस खेती की एक खास बात यह भी है कि यह जैविक तरीके से की जाती है। पौधों को पोषक तत्व देने के लिए देसी गाय का पालन भी शुरू कर सकते हैं। गायों के गोबर से जैविक खाद बनाकर खेतों में प्रयोग कर सकते हैं। और पौधों पर कीट रोग के नियंत्रण के लिए जैविक पेस्टीसाइड का प्रयोग कर सकते हैं जिसे किसान खुद बना सकते हैं।
बदलाव के इस दौर में तकनीकों में भी बदलाव हुआ और इस प्रकार की खेती करके किसान बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। ड्रैगन फ़्रूट के पौधों पर आपको फूल और फल ही नज़र आएंगे। आज के वक्त में किसान परम्परागत फसलों की खेती से अपना मुंह मोड़ते जा रहे हैं। ऐसे में किसानो के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती अच्छा विकल्प बन सकती है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे पच्चीस वर्षों तक खेतों में लगे रहते हैं। ड्रैगन फ्रूट को खाने से शरीर को कई प्रकार के लाभ भी होते हैं। इसके सेवन से रक्तचाप, खून बढ़ाने, कैंसर, कब्ज, पाचन तंत्र और डायबिटिक मरीजों आदि के लिए यह फ्रूट काफी लाभकारी है। इसके कारण इसकी बाजार मे अच्छी मांग रहती है जिसके वजह से इसकी खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।