हमारे संविधान में प्राथमिक शिक्षा के लिए हैं स्पष्ट निर्देश भारत में 10 +2 +3 की शिक्षा पद्धति कब हुईं थी लागू ब्रिटिश काल में शिक्षा व्यवस्था को नहीं किया था विकसित स्त्रियों और शूद्रों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाना था उद्देश्य
नई दिल्ली. AIPPA (ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव पॉलिटिक्स एसोसिएशन) इस तथ्य से एकदम सहमत है कि भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है.
प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वो विश्व की तात्कालीन शिक्षा व्यवस्था में सबसे उन्नत और उतकृष्ठ थी. बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया था. समय बीतने के साथ भारतीय शिक्षा व्यवस्था का पतन हुआ.
विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था. अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ा. आज भी ये चुनौतियां और समस्याएं हमारे सामने हैं जिनसे हमें दो-दो हाथ करना है.
भारत की प्राचीन शिक्षा सनातन आध्यात्मिमकता पर आधारित थी. लेकिन मुस्लिम राज्य की स्थापना होते ही इस्लामी शिक्षा का प्रसार होने लगा. फारसी जानने वाले ही सरकारी कार्य के योग्य समझे जाने लगे.